We have all been criticising about what is not being done by the government. However, we rarely give our own solutions to any problem that we see. May be the suggestion is ridiculous - but still if we look things in a positive way may be we can suggest solutions which some one can like and decide to implement. I know this is very wishful thinking but this is surely better than just criticising.

Saturday, November 23, 2024

छोटे बच्चो को बुजुर्ग लाइफ स्किल्स सिखाए

 हम विचार करे कि और कौन-कौन सी ऐसी जरूरी लाइफ स्किल है जिनके विषय मैं हमे जल्द से जल्द बच्चो को सिखाने की कोशिश करनी चाहिए। मन में यह विश्वास रखे की बच्चो को लाइफ स्किल्स सिखना बहुत आवश्यक है और इसे सिखाने में हम बुजुर्ग अपना योगदान जरूर देंगे।

आज मेरे से मिलने मेरे छोटे भाई की ग्यारह वर्षीय पोती और छ वर्षीय छोटा पोता आए। मैं उस समय बिजली का कुछ छुटपुट काम कर रहा था। मेरे हाथ में बिजली का टेस्टर था। अचानक पोती से मैने पुछा कि मेरे हाथ में क्या है। उसने तुरंत उत्तर दिया की यह स्क्रूड्राइवर है। पर टेस्टर के विषय में उसे कोई जानकारी नही थी। मैने विस्तृत रूप से टेस्टर का उपयोग उन्हें बताया।

यहां पर यह उदाहरण देने का मेरा मकसद केवल यही है कि आज के दिन घर-घर में बच्चों को लाइफ स्किल्स के विषय में बहुत जानकारी नहीं होती है। उनका स्कूल के एग्जाम में तो भले 90 पर्सेंट से ऊपर आ जाए लेकिन ये लाइफ स्किल ज्यादा जरूरी है जो जिंदगी भर काम आएंगे।

हम वरिष्ठ जन घर में अपना समय का सही उपयोग कर सकते हैं अगर हम यह छोटी-छोटी बातें अपने घर में बच्चों को बताएं। आप कहेंगे बच्चे तो हमारी सुनते ही नहीं है। हो सकता है आप सही बोल रहे हो, पर मैं निश्चित बोलता हूं कि आपके जो बच्चे के बच्चे हैं, यानी आपके पोते-पोती आपकी बात मन लगाकर सुनेंगे। आप भी तो उनसे एक अलग तरीके से बात करते है जो की उन मासूम बच्चों को पसंद आती है।

ऐसे कई उदाहरण हो सकते हैं जो कि घर में बच्चों को सिखाना बहुत ही आवश्यक है। उनकी पढ़ाई में तो उनके माता-पिता जी जान लगा ही देते हैं। चलिए हम कोशिश करें कि इनको कुछ लाइफ स्किल्स सिखाएं। मैंने एक उदाहरण बिजली के टेस्टर का दिया। हम विचार करे कि और कौन-कौन सी ऐसी जरूरी लाइफ स्किल है जिनके विषय मैं हमे जल्द से जल्द बच्चो को सिखाने की कोशिश करनी चाहिए।

एक और उदाहरण देता हूं। मान ले दो छोटे बच्चों को घर पर अकेले छोड़कर आपको कहीं जाना पड़ जाए। इस बीच किसी एक बच्चे को चोट लग जाती है। थोड़ा खून आ जाता है। क्या आपने बच्चों को फ़र्स्ट ऐड के विषय में बताया है? फ़र्स्ट ऐड का समान कहां रखा है यह बताया है? अगर नहीं तो इस कार्य को तुरंत करिये।

एक अहम विषय की चर्चा यहां करना चाहूंगा। वैसे तो यह संस्कार सिखाने की बात आप बोल सकते है पर मै इसे लाइफ स्कील की श्रेणी में रखना चाहूंगा। ज्यादातर देखा जाता है कि घर में जब कोई बुजुर्ग परिवार वाले या मित्र आते है तब बच्चे किनारे से, इन्हें अनदेखा कर निकल जाते हैं। हम बड़ो का यह दायित्व है कि बचपन से ही हम इन संस्कारी विषयो पर बच्चों से चर्चा करे और उन्हें सही ढंग से समझाएं।

घर में एक ऐसा वातावरण बनाना होगा की हम इन छोटे मासूम को यह सब लाइफ स्किल्स सहज तरीके से सिखा सके। आज के दिन कोई जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते। छुट्टी के दिन को चुने। बच्चो से ही पूछे कि इस समय वह फ्री है क्या और क्या वो कुछ नया इंटरेस्टिंग सिखना चाहेंगे जिससे की उनके माता-पिता और खास कर उनके दोस्त उनसे इम्प्रेस हो जाएंगे। आपको जरूर सफलता मिलेगी अपने उद्देश्य को पूर्ण करने में।

मन में यह विचार कतई न लाए कि यह सब तो बच्चो को उनके माता-पिता को सिखाना चाहिए। हम दादा-दादी यह काम बहुत आराम से कर सकते है। हमारा अनुभव और हमारा पोते-पोती से मधुर संबंध इस कार्य को सुचारु रूप से संपन्न करने में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। बस मन में यह विश्वास रखे की बच्चो को लाइफ स्किल्स सिखना बहुत आवश्यक है और इसे सिखाने में हम बुजुर्ग अपना योगदान जरूर देंगे।

No comments: