We have all been criticising about what is not being done by the government. However, we rarely give our own solutions to any problem that we see. May be the suggestion is ridiculous - but still if we look things in a positive way may be we can suggest solutions which some one can like and decide to implement. I know this is very wishful thinking but this is surely better than just criticising.

Monday, November 04, 2024

सीनियर सिटीजंस गर्मागर्म बहस से दूर रहे

 आज सुबह जब मैं पार्क में घूमने गया तो बहुत ही दिलचस्प बहस चल रही थी एक कोने में। पॉलिटिक्स की बात हो रही थी, इलेक्शन चल रहे हैं। हमारे यहां वोटिंग 25 तारीख को है। ध्यान उस ओर इस कारण गया की दो व्यस्क व्यक्ति कुछ ज्यादा ही जोर से गर्मा गर्मी में वार्तालाप कर रहे थे। दोनों अपनी-अपनी पार्टी के नजदीकी के अनुसार बात कर रहे थे। और भी लोग एकत्र हो गए। वो शायद केवल मजा ही ले रहे थे। इस उम्र में आते-आते कोई हमें विपरीत सोच से कन्विन्स तो नहीं कर सकता है। हां, यह ध्यान रखें कि जब अपनी बात दूसरों को बताना हो तो अच्छे तरीके से करें, जिससे सामने वाला व्यक्ति आहत न हो। कोई जोर-जबरदस्ती तो कर नहीं सकते। पोलिंग बूथ पर तो आप और हम स्वतंत्र सोच के अनुसार अपनी पसंद से वोट डालते है।

मेरा विचार कुछ और सोचने लगा। हम सुबह पार्क में, खुले वातावरण में जहां प्रदूषण नहीं रहता है, अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने हेतु जाते हैं। वहां वॉकिंग करते हैं, योग व एक्सरसाइज करते हैं। इसी बीच अगर इस शुद्ध वातावरण में गर्मागर्म बहस छिड़ जाए तो फिर अपना स्वास्थ्य किस रूप में सही रह सकेगा। जब हम गुस्से में होते है तो हमारे शरीर के अंदर बहुत हलचल होने लगती है। डॉक्टर तो कहते है कि इसका सीधा असर हमारे हार्ट पर पड़ता है।

पार्क में रोज सुबह एक व्यक्ति को देखता हूं अपने साथ चार-पांच मोटी पॉलिथिन बेग में कुछ सामग्री लेकर आते है और कई पेड़ के जड़ो में अपने बेग से कुछ निकाल कर डाल रहे है। पास गया तो देखा उन बेग मे अनाज था। एक बेग में तो पानी था। फिर नजर आया कई पेड़ के पास पानी का पात्र भी रखा है जिसे ये सज्जन भर देते है। हमारे लिए तो सभी जीव-जंतु की सेवा करना ही परम धर्म है।

पार्क बड़ा है, हर तरफ अलग अलग जगह कोई योग कर रहा है तो कोई कसरत कर रहा है। पैदल वाॅक करने वालो की संख्या तो बहुत होती है। और हां, बहुत तो अपने पालतू कुत्तो को भी नित्यकर्म करवाने पार्क में लाते है।

सभी अपने अपने तरीके से स्वास्थ्य का ध्यान रखते है। और रखना भी चाहिए। स्वास्थ्य ही धन है।

एक बार पुनः मेरा सभी से निवेदन है कि जब सुबह घूमने जाएं तब पॉलिटिक्स की बात को दूर रखें। हां, इलेक्शन के समय इससे बचना मुश्किल है। पर माहौल तो उचित रख सकते है।

पार्क में जब अपने वॉकिंग, योग व एक्सरसाइज करने के पश्चात, रिलेक्स करने हेतु कुछ व्यक्ति एक स्थान पर बैठते है तो कुछ न कुछ चर्चा होती है। मेरा सुझाव है कि सुबह सुबह इस शुद्ध हवा में हम कुछ धार्मिक, आध्यात्मिक बात करें या देशभक्ति की बात करें। इन विषय पर किसी का मतभेद नहीं हो सकता है और माहौल भी बहुत सही रहेगा। सभी अपने इनपुट्स दे सकते हैं, जो कि मुझे पूरी आशा है केवल सकारात्मक ही होंगे।

अपने को अपने स्वास्थ्य का ख्याल पहले रखना है। वोटिंग और इलेक्शन अपनी जगह है। हमें जरूर वोटिंग करना चाहिए और जितने भी कैंडिडेट है, उनमें से जो सबसे सही हो, जिसने देश हित में काम करने का प्रॉमिस किया हो, उसी को वोट देना चाहिए।

मै विशेष कर सीनियर सिटीजंस से तो निश्चित आग्रह करूंगा कि आप ऐसी बहस में न पड़े जहां गर्मागर्मी हो, जहां गुस्सा होने के कारण ज्यादा हो। हमारे लिए हमारा स्वास्थ्य ही सर्वोपरि है।

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