We have all been criticising about what is not being done by the government. However, we rarely give our own solutions to any problem that we see. May be the suggestion is ridiculous - but still if we look things in a positive way may be we can suggest solutions which some one can like and decide to implement. I know this is very wishful thinking but this is surely better than just criticising.

Saturday, October 26, 2024

वरिष्ठ के अकेलेपन को समाज दूर करे

 एक सर्वे में यह पाया गया कि वरिष्ठ जन को सबसे ज्यादा जो पीड़ा सताती हैं वो है एक उम्र में आने के बाद उनके जीवन का अकेलापन। जीवन साथी होने की स्थिति में भी बड़ी उम्र में व्यक्ति अपने को अकेला ही पाता है। अगर वो किसी न किसी तरह की एक्टिविटि से अपने को जोड़ ले तो यह अकेलापन बहुत हद्द तक दूर हो जाता है।

जीवन के इस कालखंड में जब व्यक्ति खुद ज्यादा कुछ पहल नहीं कर सकते है तब समाज का यह दायित्व है कि वो अपने बीच रह रहे बुजुर्ग के जीवन में ऐसी रोशनी लाए जिससे उनको जीने की चाह बढ़ जाए, उन्हें ऐसा लगने लगे कि अभी तो वो अपने लिए और दूसरो के लिए भी बहुत कुछ कर सकते है। इसी सोच से उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर दिखने लगेगा, चेहरे पर मुस्कान रहने लगेगी।

दो वर्ष पहले रांची के माहेश्वरी समाज के कुछ प्रबुद्ध जनों ने यह तय किया कि अपने बीच रह रहे वरिष्ठ जनों के लिए एक अलग मंच बनाया जाए। इस मंच का नाम रखा गया “चौपाल” और निश्चय किया गया कि 60 वर्ष एवं ऊपर के लोगो का इस मंच में स्वागत होगा। महीने के एक रविवार को मिलने का विचार हुआ और कई एक्टिविटी पर विचार-विमर्श किया गया।

पहले ही कार्यक्रम में उम्मीद से ज्यादा की उपस्थिती पाकर आयोजक बहुत उत्साहित हुए और तब से आज तक, प्रत्येक माह कुछ न कुछ कार्यक्रम आयोजित होते है। बैठकों में यह कोशिश रहती है कि सभी वरिष्ठ सदस्य आपसी आमोद प्रमोद एवं चर्चा में अपने मानसिक तनाव से दूर हो। दिल तो अभी बच्चा है, इस भावना के साथ ऐसे कार्यक्रम रखे जाते हैं कि सभी वरिष्ठ जनों के अंदर का बच्चा बाहर आ जाए। चौपाल की बैठकों में सामाजिक चिंतन भी किया जाता है तथा लूडो जैसा खेल भी खेला जाता है। इसके साथ ही साथ बीच-बीच में सदस्यों की टीम आसपास के धार्मिक स्थलों का भ्रमण सह पिकनिक के लिए भी जाती है।

चौपाल के प्रत्येक कार्यक्रम के बाद सभी सदस्य अपने आप को छोटे उम्र का अनुभव करने लगते है। अभी चौपाल के वरिष्ठतम सदस्य 83 वर्ष के युवा है। सभी सदस्यो को अगले चौपाल का बेसब्री से इंतजार रहता है।

यह तो एक उदाहरण मात्र है। हम अगर ठान ले अपने वरिष्ठ जन के जीवन में खुशहाली लाने की तो बहुत कुछ किया जा सकता है। कुछ सुझाव यहां दिए जा रहे हैं। आप अपने अनुभव व पास के वातावरण को देखते हुए खुद नए नए कार्यक्रम आयोजित कर सकते है।

आजकल शहरीकरण के साथ साथ बड़े बड़े मल्टीस्टोरी कॉम्प्लेक्स सभी तरफ नजर आते हैं। कई सोसाइटीज में तो हजार से भी ज्यादा छोटे बड़े रहते है। इन मिनी टाउनशिप्स में वरिष्ठ लोग अपना एशोसियेशन बना सकते हैं। इसी तरह आर. डब्लू. ए . (Residents Welfare Associations) भी सीनियर्स ग्रुप बना सकते है। सोशल व सामाजिक संस्थाओ में भी बुजुर्ग के लिए अलग कार्यक्रम के आयोजन हो सकते हैं।

कुछ एक्टिविटी के सुझाव यहां दिये जा रहे हैं

  1. सदस्यों द्वारा गाने बजाने का कार्यक्रम। बहुत से छुपे रुस्तम मिल जाएंगे जो पुराने गीत से सबका मन मोह लेंगे।
  2. पुराने समय के खेलो का आयोजन।
  3. बुजुर्ग जन की नृत्य प्रतियोगिता।
  4. बुजुर्ग जन की फैशन परेड।
  5. सुपर सीनियर्स, (पचहत्तर वर्ष से अधिक) को सम्मानित करना।
  6. विवाह की स्वर्ण जयन्ती मनाना।
  7. अगर कम्यूनिटी सेंटर हो तो इनडोर गेम्स की स्थाई व्यवस्था करना। वगैरह-वगैरह।

आप सभी के पास भी ढेर सारे आईडाज होंगे। दोस्तो व अन्य ग्रुप्स में साझा कीजिए। हमारे फेसबुक ग्रुप “नेवर से रिटायर्ड फोरम” पर भी आप अपने सुझाव पोस्ट कर सकते हैं। अपना उद्देश्य तो एक ही हैं कि बुजुर्ग व्यक्तियों का अकेलापन दूर करने का दायित्व हमारा, समाज का ही हैं।

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