We have all been criticising about what is not being done by the government. However, we rarely give our own solutions to any problem that we see. May be the suggestion is ridiculous - but still if we look things in a positive way may be we can suggest solutions which some one can like and decide to implement. I know this is very wishful thinking but this is surely better than just criticising.

Friday, August 11, 2023

वरिष्ठ जीवन के चार चरण

 आजकल व्हाट्सएप ग्रुप या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बुजुर्गों के लिए या यूं कहें रिटायरमेंट के बाद जो लोग अपने जीवन को किस तरह बिताएं उस पर काफी सामग्री परोसी जाती है। 

अभी कुछ दिन पहले ऐसा ही एक पोस्ट मिला जो तुरंत ही मेरा ध्यान आकर्षित कर लिया। इस पोस्ट में जिवन के 4 फेजेज को दर्शाया गया है जोकि लेखक के हिसाब से जीवन के उन्मूलन के चार चरण हैं

लेखक ने बहुत ही सुंदर ढंग से इन चार चरणों का विवरण भी दिया है। इस पोस्ट के अनुसार यह चार चरण है - जब व्यक्ति 60 वर्ष की उम्र पार करता है, फिर 70 वर्ष की उम्र पार करता है, फिर 80 वर्ष की उम्र पार करता है और फिर 90 वर्ष की उम्र जब वह पार करता है।

लेखक ने पहले चरण के विषय में लिखा है कि आप जब 60 वर्ष की उम्र में अवकाश प्राप्त करते हैं तो आपको अपनी जिंदगी का यह नया पड़ाव सहजता से स्वीकार करना चाहिए, ना कि उसी भावना से चिपके रहे कि हम तो ऑफिस में उस पद पर थे, क्या ऑथोरिटी थी। उस मानसिकता और श्रेष्ठता की भावना को मन से निकाल दे, तभी आपकी लाइफ अच्छे से बीतेगी। अब यह सोचने का वक्त नहीं है कि आप कितने सफल थे उस समय या कितने शक्तिशाली।

लेखक के हिसाब से दूसरा पड़ाव शुरू होता है जब आप 70 के हो जाते हैं इस पड़ाव में इस पोस्ट में यह कहा गया है कि धीरे-धीरे समाज से भी आप दूर हो जाते हैं। आपके साथी कम हो जाते हैं और अब तो शायद आपके पूर्व कार्यस्थल पर आपको लोग पहचाने भी नहीं। लेखक का यह कहना भी ठीक है कि आप की जगह जो नई युवा पीढ़ी के लोग आ गए हैं वह आपको कैसे पहचानेंगे और आपको भी यह जताने की आवश्यकता नहीं है कि मैं कभी यहां पर था।

अब तीसरे पड़ाव पर आए तो लेखक लिखते हैं कि आप जब 80 वर्ष को पार करते हैं तब तो परिवार भी आपके साथ धीरे-धीरे रिश्ते खत्म कर देता है। हो सकता है आपके परिवार में कई बच्चे और पोते पोतियो हो फिर भी आपका अधिकांश समय तो अकेले ही बीतेगा या भगवान की कृपा रही तो अपने जीवन साथी के साथ। जब भी बच्चे आपके पास आए तो उन्हें आपसे कम मिलने के लिए दोष ना दें। उनको प्रोत्साहित करें और उनके साथ बिताया समय का आनंद भरपूर ले।

आखिरी चरण पर आते हुए लेखक लिखता है कि जब 90 वर्ष के आप हो जाते हैं तब तो यह निश्चित ही है कि अब तो हमें इस दुनिया से ही विदा लेना है। जिन लोगों को हम जानते थे उनमें से कई तो पहले ही हमेशा के लिए छोड़ कर चले गए हैं। और इस बात पर दुखी होने का कोई कारण नहीं है, क्योंकि यह तो जीवन का मार्ग ही है। वह पहले चले गए, हमें अब जाना है। 

पोस्ट के अंत में लेखक ने बहुत ही सुंदर सुझाव दिए हैं कि हम जब तक जीवित हैं, सक्षम हैं, जीवन का भरपूर आनंद लें। लेखक के अनुसार खाने पीने में अपनी इच्छा अनुसार कोई कमी नहीं छोड़े। वही काम करें जो आपको पसंद हो। और यह भी लिखते हैं की एक चीज जो आपको खत्म नहीं करेगी वह है व्हाट्सएप ग्रुप। इसलिए अपने इस समूह में अधिक संवाद करें, नमस्ते कहें, अपनी उपस्थिति बनाए रखें। खुश रहें और कोई पछतावा न करें। लेखक के विषय में तो कोई जानकारी नहीं है लेकिन अच्छा लगा हम उम्र के लोगों के बीच में इसे साझा करने में।

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