We have all been criticising about what is not being done by the government. However, we rarely give our own solutions to any problem that we see. May be the suggestion is ridiculous - but still if we look things in a positive way may be we can suggest solutions which some one can like and decide to implement. I know this is very wishful thinking but this is surely better than just criticising.

Thursday, May 01, 2025

बढ़ती उम्र का असली खजाना: गतिशीलता

बुढ़ापा आना अपरिहार्य है, लेकिन हम इस बढ़ती उम्र का सामना केसे करते हैं, इससे हमारी खुशहाली पर बहुत फर्क पड़ता है। हमारे बुढ़ापे में सबसे कम आंकी जाने वाली खुशियों में से एक है गतिशीलता, जिसे हम मोबिलिटि कह सकते हैं – बिना किसी सहारे के, अपने आप चलने-फिरने की सरल लेकिन गहन क्षमता।

जब हम सत्तर या अस्सी के दशक में पहुंचते हैं, तो जीवन नाटकीय रूप से बदलने लगता है। यह अब सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता कि हमारे पास बैंक में कितना पैसा है या हमने जीवन भर में कितनी संपत्ती जमा की हैं। असली विलासिता तो यह है कि हम हर सुबह बिस्तर से उठ पाते है आराम से, बिना किसी के सहारा के बाथरूम ज सकते है, कुछ सीढ़ियां चढ़ सकते है या मित्रो के साथ पार्क में टहल सकते है। ये रोज़मर्रा की गतिविधियां, जिन्हें कभी हल्के में लिया जाता था, हमारी स्वतंत्रता की निशानी बन जाती हैं – और कई लोगों के लिए बुढ़ापे में खुशी की कुंजी।

ऐसे अनगिनत बुजुर्ग हैं जो बिस्तर तक ही सीमित हैं या बुनियादी ज़रूरतों के लिए दूसरों पर निर्भर हैं। उनके लिए, सबसे सरल कामों के लिए भी सहायता की ज़रूरत होती है, और यह निर्भरता भावनात्मक और मानसिक रूप से थका देने वाली हो सकती है। कितनी भी धन-संपत्ति हो, आत्मनिर्भर होने की खुशी की जगह नहीं ले सकती।

द लॉन्गविटी प्रोजेक्ट के सह-लेखक डॉ. हॉवर्ड फ्राइडमैन कहते हैं:

गतिशीलता सिर्फ़ चलने-फिरने से कहीं ज़्यादा है। यह आज़ादी, गरिमा और कई मायनों में जीवन है।

कुछ चौंकाने वाले आंकड़े

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 65 वर्ष और उससे अधिक उम्र के 28-35% से ज्यादा लोग हर साल गिरते रहते हैं और उम्र बढ़ने के साथ यह जोखिम और भी बढ़ता जाता है।
  • अध्ययनों से पता चलता है कि 75 वर्ष की आयु के बाद, 40% से ज़्यादा लोगों की गतिशीलता (मूवमेंट) सीमित हो जाती है।
  • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग द्वारा 2022 में किए गए सर्वेक्षण में, लगभग 3 में से 1 वरिष्ठ नागरिक ने बताया कि वे बिना सहायता के एक चौथाई मील भी नहीं चल पाते।

ये सिर्फ़ संख्याएं नहीं हैं – ये हर दिन की परेशानियों का सामना करने वाले वास्तविक लोगों का प्रतिनिधित्व करते हैं। और ये गतिशीलता के लिए योजना बनाने के महत्व को उजागर करते हैं, ठीक वैसे ही जैसे हम रिटायरमेंट बचत के लिए योजना बनाते हैं।

आजीवन गतिशीलता के लिए चिकित्सा सलाह

गतिशीलता बनाए रखने का मतलब 70 के दशक में जोरदार कसरत करना नहीं है। यह निरंतरता, प्रारंभिक तैयारी और अपने शरीर की बात सुनने के विषय में है। यहां कुछ विज्ञान-समर्थित सुझाव दिए जा रहे हैं:

  1. शक्ति प्रशिक्षण: सप्ताह में 2-3 बार हल्के प्रतिरोध व्यायाम मांसपेशियों के द्रव्यमान, संतुलन और हड्डियों के घनत्व में काफी सुधार कर सकते हैं।
  2. दैनिक पैदल चलना: 30 मिनट की पैदल यात्रा हृदय स्वास्थ्य और जोड़ों के लचीलेपन को बेहतर बनाने में सहयोग कर सकती है।
  3. स्ट्रेचिंग और संतुलन व्यायाम: योग, व्यायाम जैसे अभ्यास लचीलेपन में सुधार करते हैं, गिरने के जोखिम को कम करते हैं और बेलेंस बनाये रखने में मदद करते हैं।
  4. पोषण भी मायने रखता है: मांसपेशियों और हड्डियों की ताकत बनाए रखने के लिए प्रोटीन, कैल्शियम और विटामिन डी का पर्याप्त सेवन आवश्यक है।
  5. नियमित जांच: गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस और दृष्टि के लिए नियमित जांच से गतिशीलता को प्रभावित करने वाली समस्याओं का जल्दी पता लगाया जा सकता है।

बेहतर कल के लिए आज से शुरुआत करें

गतिशीलता अपने आप नहीं होती – यह पेंशन की तरह ही अर्जित की जाती है। आपके 40, 50 और 60 के दशक में आपके दैनिक प्रयास, इस बात की नींव रखते हैं कि आप अपने 70 के दशक और उसके बाद कितनी खूबसूरती और स्वतंत्रता से चल-फिर सकते हैं। अगर आप 80 साल की उम्र में स्वतंत्र रूप से चलने में सक्षम हैं, तो एक तरह से आपने जीवन में एक बड़ी लॉटरी जीत ली है। आइए सफलता को फिर से परिभाषित करना शुरू करें। आइए आज न केवल आजीविका कमाने के लिए बल्कि एक ऐसा भविष्य बनाने के लिए काम करें जहां हम सम्मान और स्वतंत्रता के साथ रह सकें। गतिशीलता केवल गति नहीं है – यह स्वतंत्रता, खुशी और अंततः जीवन की गुणवत्ता है।

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