We have all been criticising about what is not being done by the government. However, we rarely give our own solutions to any problem that we see. May be the suggestion is ridiculous - but still if we look things in a positive way may be we can suggest solutions which some one can like and decide to implement. I know this is very wishful thinking but this is surely better than just criticising.

Friday, March 14, 2025

खुशकिस्मत वे हैं जो एक दिन बुजुर्ग होंगे

वरिष्ठ लोगों से संबंधित साप्ताहिक लेख मैं लगभग एक वर्ष से लिख रहा हूं। आज मन में विचार आया कि क्यूं न एक लेख नौजवानो के लिए लिखा जाएं। ये आज के नौजवान भी पन्द्रह बीस वर्षों में वरिष्ठ जनों की श्रेणी में आ जाएंगे। इस लेख में प्रयास यह रहेगा कि हम बुजुर्ग अपने अनुभव से यह ज्ञान साझा कर सके जिससे आज के नौजवान कुछ सीख ले सके अपने बुढ़ापे को खुशहाल बनाने के लिए।इस उम्र में आकर हमारी तीन इच्छाएं प्रबल होती हैं –

  1. हमारा स्वास्थ्य, शारीरिक व मानसिक, ठीक रहे
  2. हमारी वित्तीय आवश्यकताएं पूर्ण हो, और
  3. हमारी कनेक्टिविटी परिवार व मित्रों से बनी रहे।

नौजवानो को अभी से इन तीनों बिन्दुओं पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए। हर दिन आप बड़े हो रहे हैं। आपके बुजुर्ग बनने में और एक दिन का समय कम हो गया। एक बात निश्चित मान लिजिए कि आप जैसे ही बुजुर्ग वाली श्रेणी में आ गए तो स्थिति को और सुधारने के विकल्प बहुत कम होंगे।

आइये एक एक करके तीनों बिन्दुओं का अवलोकन करते हैं।

सर्वप्रथम तो अपनी सेहत का ही ख्याल हमें रखना है। जब आप बुजुर्ग हो जाएंगे तब अपनी सेहत मेंटेन कर लेंगे तो यह आपकी बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। इसी कारण आप अभी, जब नौजवान है, आपको सेहत पर पूरा ध्यान देना चाहिए। और सेहत केवल शारीरिक नहीं, मानसिक भी। आपको अपने खान-पान पर भी विशेष ध्यान देना होगा और स्ट्रेस लेवल कम से कम रखना होगा। आज बाजार में इतनी मिलावटी सामग्री मिल रही हैं, उससे जहां तक हो सके बचे। अगर आप रोज व्यायाम या वॉकिंग नहीं करते हैं तो आज से ही शुरू कर दें। यह आदत अभी से होगी तभी आगे चलकर भी आप इस पर कायम रह सकेंगे, अन्यथा आलस्य आपका पीछा नहीं छोड़ेगा। भविष्य के लिए इन सब पहलुओं को अपना फिक्स डीपोजिट ही समझे। जितनी ज्यादा हेल्थ एफ डी इस उम्र में कर लेंगे उतना ही भविष्य में इसे मेच्योर कर बुढ़ापे का आनंद ले सकेंगे। यह निश्चित हैं कि एक बार आप बड़ी उम्र के पड़ाव पर पहुंच गये तब सेहत बहुत ज्यादा सुधार नहीं कर सकेंगे, इसकी भी सीमाएं हैं।

इसी तरह अभी से वित्तीय प्रबंधन की जिम्मेदारी आपको निभानी होगी। बचत की आदत डालनी होगी और सही सलाह लेकर इस बचत की इन्वेस्टमेंट कहां-कहां करनी है उस पर गंभीरता से विचार करना होगा। यह निश्चित जान लीजिए कि अधिक उम्र हो जाने के बाद हमारे अर्थोपार्जन के साधन बहुत कम रह जाते हैं। उसके बाद तो असिमित खर्चा ही खर्चा नजर आता है और खास कर स्वास्थ्य के ऊपर इतना खर्च बढ़ जाता है। इस गलत फहमी में न‌ रहे कि मेडिकल इन्श्योरेन्स से सारा निराकरण हो जाएगा। इसी‌ तरह शादियों में जाना, घुमने जाना वगैरह में खर्च करना पड़ता हैं। ऐसे समय में युवावस्था में की गई आपकी फाइनेंसियल प्लानिंग बहुत काम आती हैं।

अब बात करते हैं आखिरी बिन्दु पर – परिवार व दोस्तजन से मेल-जोल पर। इसके महत्व को कदापि कम न आंका जाए। बड़ी उम्र आने पर ज्यादातर लोग तरस जाते हैं कि कोई उनसे बात करें, कोई उनके पास आकर कुछ देर बैठे – कुछ हमारी सुने, कुछ अपनी कहें। आप आज से अच्छे रिलेशनशिप को मेंटेन करेंगे तभी वह बुढ़ापे में काम आएगी। वैसे तो आज के दिन परिवार कोई बहुत बड़ा आपको नहीं मिलेगा, फिर भी हमारा प्रयास यही रहना चाहिए की सभी परिवारजन से हमारे संबंध मधुर हो। आपको अपने विवेक से यह भी पहचानना होगा कि कौन आपके जरूरत के वक्त काम आएंगे। और यह तो आदान-प्रदान का खेल है। इसी तरह दोस्तों को भी समझना वह पहचानना बहुत आवश्यक है। दोस्त बहुत मिल जाएंगे पर हमारे सुख दुख में जो काम आए वहीं तो सच्चे दोस्त हुए। अक्सर देखा यह गया है की पुराने दोस्त ही इस श्रेणी में ज्यादा आते हैं। एक सुझाव यह भी हो सकता है कि आप अपने स्कूल और कॉलेज के ग्रुप में सक्रिय रहे। इसी तरह आप जहां अपनी नौकरी करते हैं या व्यवसाय करते हैं उनके भी ग्रुप बहुत बने रहते हैं। उन ग्रुप को भी छोड़े नहीं। आपका सहयोग ही आपकी आशा की किरण को प्रकाशित करेगा।

हम मिडिल क्लास की तो बहुत चर्चा करते हैं और सुनते भी हैं। यह विचार होता है कि मिडिल क्लास बहुत तकलीफ में है, मिडिल क्लास के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है, वगैरह-वगैरह। पर हमें मिडिल एज के व्यक्तियों पर भी चर्चा समाज में करनी चाहिए। यह मिडिल एज ऐसी स्थिति होती है जब हम इसे अगर सही दिशा देंगे तो हमारा बुढ़ापा बहुत अच्छे से व्यतीत होगा।

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