We have all been criticising about what is not being done by the government. However, we rarely give our own solutions to any problem that we see. May be the suggestion is ridiculous - but still if we look things in a positive way may be we can suggest solutions which some one can like and decide to implement. I know this is very wishful thinking but this is surely better than just criticising.

Thursday, December 19, 2024

हम वरिष्ठ लोग बहुत सौभाग्यशाली हैं

अगर आप 65 वर्ष के हो गए है और इस लेख को पढ़ रहे हैं तो आप उन सात प्रतिशत सौभाग्यशाली लोगो में है जो इस उम्र तक स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। जी हां। वर्ल्ड बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार 2023 में भारत में पैंसठ वर्ष से ज्यादा आयु के 7.1 प्रतिशत व्यक्ति हैं और 2030 तक यह जनसंख्या दस प्रतिशत हो जाएगी, ऐसा अनुमान हैं।

भारत, जो आज अपने आप को एक नौजवान देश की श्रेणी में पाता है वो अब धीरे धीरे वरिष्ठ जन की श्रेणी की ओर अग्रसर हो रहा हैं। आंकड़ो पर नजर दौड़ाई जाए तो यह देखने को मिलता है कि सन 2050 तक भारत में कोई 35 करोड़ व्यक्ति 60 वर्ष से ज्यादा के हो जायेंगे।

हमें थोड़ी-बहुत भी तकलीफ जब होती है, चाहे वो स्वास्थ्य सम्बन्धित हो, आर्थिक हो, पारिवारिक हो या अन्य कोई कारण से, तो हम तुरंत परेशान हो जाते है। जरा यह विचार करे कि हम तो उन सौ में से सात सौभाग्यशाली लोग है जो कि जीवित हैं। व्हाट्सएप पर एक बहुत ही अच्छी वीडियो मैंने कुछ दिनों पहले देखा। इसमें बताया गया कि अगर हमारे पास भोजन करने के लिए खाना है, पहनने को कपड़े हैं और रहने के लिए घर है तो हम दुनिया के उन 75% लोगों से ज्यादा खुशकिस्मत है जिनके पास यह सब नहीं है।

हम जिन्दगी से शिकायत करना छोड़ दे। हमारे पास जो है उससे संतुष्ट होना सिखे। हमारे ऊपर तो ईश्वर की कृपा रही है कि हमें इतना कुछ मिला हैं। यह जिन्दगी दौबारा हमें नहीं मिलने वाली हैं, इसलिए इसे दुख में, गुस्से में, किसी से नाराजगी या नफरत में या किसी से झगड़ा करने में व्यर्थ न गवांये। कुछ सकारात्मक काम में हम लगे रहे, सभी से अच्छा व्यवहार करे और अपनी जिन्दगी को खुशी खुशी जिएं। हां, कुछ अड़चने आती रहती हैं। हमें भगवत कृपा से इन तकलीफों को पार करने की हिम्मत जुटाकर सब कुछ सामान्य करना होगा।

सर्वप्रथम हमें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान केन्द्रित करना होगा। जीवन के इस पड़ाव पर आकर हमें अपनी शारीरिक व मानसिक स्वास्थ संबधित दोनो विषयों पर ही ध्यान देना होगा। शरीर और मन अलग नहीं है और ये एक दूसरे को प्रभावित करते हैं। केवल लंबी उम्र पाना हमारा लक्ष्य नहीं, स्वस्थ व उपयोगी जीवन ही हमारा उद्देश्य होना चाहिए। हम अपने बुढ़ापे में किसी पर बोझ न बने यहीं भगवान से प्रार्थना हो।

आजकल वाट्सएप पर अनेकानेक मैसेज आते है जिनमें विभिन्न व्यायाम के तरीके बताए जाते हैं। सुबह सुबह पार्क में लोग मिल जाते है जो व्यायाम करवा रहे होते हैं। टेलीविजन के अनेक चैनल्स पर भी बहुत कुछ सीखने को मिल जाता है।

हमारा संक्लप व हमारी इच्छाशक्ति दृढ़ होनी जरूरी हैं। ज्यादातर यह देखा गया है कि एक बार हमारे अंदर जोश आता हैं, हम लग जाते है अपने स्वास्थ्य की देखभाल के लिए विभिन्न कार्यक्रम करने में। थोड़े अंतराल के पश्चात अक्सर हमें आलस्य आने लगता हैं। वरिष्ठजन को यह ध्यान रखना होगा की हम आलस्य को पास में भटकने न दे। हमें अगर दो घंटे प्रतिदिन अपने स्वास्थ्य के लिए योग व व्यायाम करना है तो इसमें कोई समझौता नहीं करना हैं।

विशेषज्ञों का यह कहना है कि बढ़ती उम्र में स्वास्थ्य सम्बन्धित सबसे ज्यादा ध्यान दो बातो पर देनी हैं। पहला तो यह कि आप अपने को गिरने से बचाएं। इस उम्र में गिरने से बहुत कॉम्पलिकेशन हो सकता है। इस कारण बहुत संभल कर रहना हैं। दूसरी बात है कि अपने को कुछ भी खाते हुए या पीते हुए चोकिंग से बचाव करना हैं। बुजुर्ग व्यक्तियों में चोकिंग की संभावना ज्यादा होती है क्योंकि गले और निगलने की मांसपेशियां कमजोर हो जाती है। फेसबुक पर एक ग्रुप हैं – “नेवर से रिटायर्ड फोरम”, जिस पर केवल वरिष्ठ जन के लिए स्वास्थय संबधी बातें व अन्य जानकारी प्रतिदिन पोस्ट होती है। अगर आप फेसबुक पर हैं तो इससे जुड़ सकते हैं।

अच्छा व स्वस्थ खान-पान भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इस उम्र में इसका ज्ञान हम सबके पास पर्याप्त हैं। ध्यान इतना रखना हैं कि मन फिसल न जाए और हम अस्वास्थ्यकर खान-पान की तरफ न बढ़े। भूख कम हो जाती है और खाने का मन कम होने लगता है, इस कारण पौष्टिक भोजन पर ही ध्यान रखना होगा।

जीवन को खुशहाल रखने के लिए अच्छे दोस्तो की बहुत आवश्यकता होती हैं। इस उम्र में आकर हमें नए दोस्त नहीं बनाने हैं। हमारे जो पुराने दोस्त हैं उनसे ज्यादा संपर्क में रहे। अगर वो नजदीक रहते है तो उनसे बराबर मिलते रहे। अगर दूर रहते हैं तो उनसे मोबाइल पर वार्तालाप और मैसेज का आदान-प्रदान बराबर करते रहे।

हम सौभाग्यशाली हैं और आगे भी रहें इसके लिए भगवान को धन्यवाद जरूर दे।

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