We have all been criticising about what is not being done by the government. However, we rarely give our own solutions to any problem that we see. May be the suggestion is ridiculous - but still if we look things in a positive way may be we can suggest solutions which some one can like and decide to implement. I know this is very wishful thinking but this is surely better than just criticising.

Saturday, September 21, 2024

अपस्किलिंग और रीस्किलिंग बुजुर्ग के लिए जरूरी

 हमें रिटायर हुए 5 वर्ष हो गए और पढ़ाई छोड़े तो 40 वर्ष हो गए। हम जब पढ़ते थे तब मैथमेटिक्स की पढ़ाई का तरीका आज के तरीके से बिल्कुल भिन्न था। आज कभी घर में छोटे बच्चे जब मैथमेटिक्स का कोई सवाल पूछने आ जाते हैं तो हम इधर-उधर झांकने लगते हैं। करण कि हम जिस तरीके से उस सवाल का सॉल्यूशन ढूंढते हैं उस तरीके से बच्चे अनभिज्ञ रहते हैं। भाषा ज्ञान को छोड़ दे तो यही दिक्कत और विषयों में भी आती है।

आगे कॉलेज की पढ़ाई जो हमने की उसी के संदर्भ में हमें नौकरी मिलने में सहायता मिली। लेकिन अब रिटायर होने के बाद ऐसा लगता है कि वह पढ़ाई अगर हम आज उपयोग करना चाहे तो उसमें अपस्किलिंग या रीस्किलिंग करना बहुत आवश्यक है। रिटायर्ड, अपने को रि-स्किल करके ही प्रासंगिक बना कर रख सकते है।

अपस्किलिंग और रीस्किलिंग दो ऐसे शब्द हैं जो एक साथ चलते हैं। जहाँ अपस्किलिंग में आपके मौजूदा कौशल को बढ़ाया जा सकता है, वहीं रीस्किलिंग में नए कौशल सीखने को कहा जा सकता है। अपनी वर्तमान भूमिका के दायरे को बढ़ाने में अपस्किलिंग व रीस्किलिंग आपको सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं।

कोई जरूरी नहीं है कि हमें नौकरी करने के लिए ही अपने आप को अपडेटेड रखना होगा। बहुत से ऐसे पल भी आते हैं जब यह अपडेशन हमें बहुत काम आता है। सभी रिटायर्ड व्यक्ति दोबारा नौकरी नहीं करते हैं या चाह के भी उनको नौकरी नहीं मिलती है। और उसमें एक मुख्य कारण होता है कि हम आज की पद्धति से काम नहीं कर सकते। एक उदाहरण दें तो अकाउंट में हम आज से 40-50 वर्ष पहले जो सीखे थे वह बेसिक्स तो काम आते हैं लेकिन अगर कोई ‘टैली’ नहीं जाने तो वह आज के संदर्भ में किसी भी ऑफिस में काम सुचारू रूप से नहीं कर सकेगा। ऐसे में हम अपने आप को रीस्किलिंग करके ‘टैली’ सीख ले तो नौकरी मिलने में आसानी हो जाएगी। और यह बहुत मुश्किल भी नही हैं।

आज के दिन हमारे हाथों में यह जो स्मार्टफोन है यही कितना कुछ काम कर सकता है। हम तो क्या, बहुत से युवा भी इस मोबाइल को पूर्ण रूप से उपयोग करने में असमर्थ होते है। इसकी ट्रेनिंग बहुत उपयोगी साबित हो सकती है।

50 वर्ष पहले इंजीनियरिंग की पढ़ाई में सारे कैलकुलेशन करने के लिए स्लाइड रूल का उपयोग किया जाता था। आज के बच्चों को अगर पूछ ले तो उन्हें तो यह भी जानकारी नहीं होगी कि यह स्लाइड रूल होता क्या है। आज सारे कैलकुलेशन आप अपने मोबाइल फोन पर आसानी से कर सकते हैं।

एक और विषेश बात है कि आजकल स्पेशलाइजेशन का जमाना आ गया है। हर तरह की तकनीक के लिए अलग-अलग लोग होते हैं। वे उसी विषय की पढ़ाई कर के आए है। पहले जब पढ़ाई होती थी तो सभी विषय की जानकारी कुछ न कुछ बतायी जाती थी। आज आपको डिसाइड करना होगा कि आप किस चीज में स्पेशलाइजेशन करना चाहते हैं।

यह सब नई तकनीक सीखने में या अपने आप को अपडेट करना कोई इतना आसान काम नहीं है। एक तो बहुत कम ऐसी संस्थाएं हैं जो कुछ पैसे लेकर भी यह सब सिखाती हो व्यस्क व्यक्तियो को। दूसरा अगर आप कोशिश करें कि अपने घर में ही युवा वर्ग से यह सीखना चाहे, तो शायद यह नामुमकिन सा हो। हां एक उपाय मैं बता सकता हूं। आज के दिन हर विषय की जानकारी के लिए यूट्यूब पर वीडियो उपलब्ध है। अगर आप मन लगाकर और कुछ समय देकर कुछ भी सीखना चाहे तो शायद आज के दिन यह मुमकिन है।

रिटायर्ड व्यक्ति कई बार यह सोचता है कि मैं बच्चों के लिए कुछ कोचिंग क्लास ले लूं, चाहे वह फ्री ही क्यों ना हो। लेकिन इसके लिए भी अपने आप को आज के संदर्भ में रीस्किल तो करना ही होगा। अपने समय में जो पढ़ाई आप किए थे वह तो इन बच्चों को काम नहीं आनी है। हां, एक बात जरूर है कि आप जब अपने आप को रीस्किल करते हैं तो आपका पूर्व ज्ञान बहुत काम आता है और आप अभी की नई तकनीक को आराम से समझ सकते हैं।

इसी तरह अगर आप कंसल्टेंट्सी का काम करना चाहते है तब भी आपको अपस्किलिंग और रीस्किलिंग की बहुत आवश्यकता होगी। आप अगर किसी स्वयंसेवी संस्था में भी अपना योगदान देना चाहते है तो अपडेटेड होना बहुत लाभदायक होगा।

हम में से कई सॉफ्ट स्किल्स सीखाने में भी एक्सपर्ट होंगे। सॉफ्ट स्किल से मेरा मतलब है ऐसे कोर्स, जैसे टाइम मैनेजमेंट, लैंग्वेज क्लासेस, पब्लिक स्पीकिंग वगैरह। अपने को लगता होगा कि यह सब सिखाने में क्या फर्क आया होगा आज के दिन। लेकिन सोचिए अगर इसमें हम टेक्नोलॉजी का सहयोग ले तो घर बैठे भी यह सब कोर्स जरूरतमंद को करा सकते हैं। थोड़ा बहुत सीखना होगा की ऑनलाइन कोर्स कैसे करवाया जा सकता है। सामने वाले को तो यह भी पता नहीं चलेगा कि पढ़ाने वाले की उम्र क्या है। इससे आप व्यस्त रहेंगे और यह कमाई का भी एक साधन बन जाएगा।

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